bhagwan ganesh ke 108 naam
ganesh pooja
ganesh chaturthi katha
गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाये विध्नहर्ता भगवान श्रीगणेश का महोत्सव आज से शुरू हो रहा है। देवो के देव मूषक सवार गणेश जी का यह त्योहार अगले 10 दिनों तक चलने वाला है। बुद्धि, ज्ञान और विघ्नविनाशक के रूप में पूजे जाने वाले श्री गणेश जी के स्वागत की पूरी तैयारी कर ली गयी है।
जगह-जगह पांडालों में सुंदर मूर्तियां सजी है। लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। विकिपीडिया की माने तो शिवपुराण में कहा गया है कि मां पार्वती ने स्नान करने से पहले अपनी मैल से एक बालक को उत्पन्न करके उसे अपना द्वारपाल बना दिया था और कहा था किसी को भी घर के अंदर प्रवेश नहीं करने देना, जब तक कि वो स्नान करके वापस नहीं आ जातीं। शिवजी ने जब प्रवेश करना चाहा तब बालक ने उन्हें भी रोक दिया। इस पर शिवगणों ने बालक से भयंकर युद्ध किया परंतु संग्राम में उसे कोई पराजित नहीं कर सका। जिससे भगवान शंकर ने क्रोधित होकर अपने त्रिशूल से उस बालक का सर काट दिया। इससे मां पार्वती नाराज हो उठीं और उन्होंने प्रलय करने की ठान ली। भयभीत देवताओं ने देवर्षि नारद की सलाह पर जगदम्बा की स्तुति करके उन्हें शांत किया। शिवजी के निर्देश पर विष्णु जी उत्तर दिशा में सबसे पहले मिले जीव (हाथी) का सिर काटकर ले आए। मृत्युंजय रुद्र ने गज के उस मस्तक को बालक के धड़ पर रखकर उसे पुनर्जीवित कर दिया। माता पार्वती ने उस गजमुखबालक को अपने हृदय से लगा लिया और देवताओं में अग्रणी होने का आशीर्वाद दिया। गणेश चतुर्थी के लिए कई शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। बैंगलोर में भी सुरक्षा के इंतजाम किये गये हैं। लोगों के आवाजही के लिए भी पूरे प्रबंध हैं। अगर आप में से भी कोई आज से लंबोदर जी की पूजा करता है तो उसके समस्त मनोकामनाएं पूरी होंगी और उस पर आने वाला संकट टल जायेगा। आप की सारी मनोकामनाएं पूरी हों और आप तरक्की के रास्ते पर चलें इस बात की कामना वनइंडिया परिवार भी करता है। चलिए सब एक साथ मिलकर बोलें गणपति बाबा मोरिया..
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