राजपुरोहित समाज के लिए 1 संदेश
लगभग 2235 गाँव, 60 लाख से भी अधिक आबादी, 120 जातिया ओर उपजातिया भारत सहित पूरे विश्व मे विस्तरित यह समाज जिसका नामे है राजपुरोहित समाज ! जिस समाज मे डॉक्कथर, वकील, पत्रकार, पुलिस अधिकारी, सरकारी अधिकारी, सेना अधिकारी, अध्यापक, उधोकपति, व्यापारी ओर सबसे बड़ी बात यह की समाज धर्म-कर्म मे भी सबसे आयेज, गो सेवा की परतम पंक्ति पर चलने वाला यह समाज सॅंटो के सानिध्य से प्रीपूर्ण सात्विक समाज है ! फीर भी इस समाज मे आबादी का संतुलन गड़बड़ा रा है ! राजपुरोहित दर्पण द्वारा सर्वे के आनुसर समाज मे इस समय 1000 लड़के ओर 640 ही लड़कियो का अनुपताई ! दिन प्रतिदिन इस असन्तुलन की खाई बढ़ती ही जा र्ही है आद्रषह समजकी पाहशं समाज मे लड़के-लड़की का अनुपात ब्राबार होना चाहिए ! परन्तु यह समाज खा जा रा है ? समय रहते कन्यभूर्न हत्या न्ही रोका गया तो भयनकर विक्र्तिया पनपने से कोई न्ही रोक सकता ! इस का कुरूप पहलू इतना भयावह होगा की कल्पना मात्र से रोंगटे खड़े हो जाएँगे
लगभग 2235 गाँव, 60 लाख से भी अधिक आबादी, 120 जातिया ओर उपजातिया भारत सहित पूरे विश्व मे विस्तरित यह समाज जिसका नामे है राजपुरोहित समाज ! जिस समाज मे डॉक्कथर, वकील, पत्रकार, पुलिस अधिकारी, सरकारी अधिकारी, सेना अधिकारी, अध्यापक, उधोकपति, व्यापारी ओर सबसे बड़ी बात यह की समाज धर्म-कर्म मे भी सबसे आयेज, गो सेवा की परतम पंक्ति पर चलने वाला यह समाज सॅंटो के सानिध्य से प्रीपूर्ण सात्विक समाज है ! फीर भी इस समाज मे आबादी का संतुलन गड़बड़ा रा है ! राजपुरोहित दर्पण द्वारा सर्वे के आनुसर समाज मे इस समय 1000 लड़के ओर 640 ही लड़कियो का अनुपताई ! दिन प्रतिदिन इस असन्तुलन की खाई बढ़ती ही जा र्ही है आद्रषह समजकी पाहशं समाज मे लड़के-लड़की का अनुपात ब्राबार होना चाहिए ! परन्तु यह समाज खा जा रा है ? समय रहते कन्यभूर्न हत्या न्ही रोका गया तो भयनकर विक्र्तिया पनपने से कोई न्ही रोक सकता ! इस का कुरूप पहलू इतना भयावह होगा की कल्पना मात्र से रोंगटे खड़े हो जाएँगे
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ReplyDeleteलगभग 2235 गाँव, 60 लाख से भी अधिक आबादी, 120 जातिया ओर उपजातिया भारत सहित पूरे विश्व मे विस्तरित यह समाज जिसका नामे (नाम ) है राजपुरोहित समाज ! जिस समाज मे डॉक्कथर (डॉक्टर ) , वकील, पत्रकार, पुलिस अधिकारी, सरकारी अधिकारी, सेना अधिकारी, अध्यापक, उधोकपति (उद्योगपति ) , व्यापारी ओर सबसे बड़ी बात यह की समाज धर्म-कर्म मे भी सबसे आयेज(आगे ) , गो सेवा की परतम (प्रथम ) पंक्ति पर चलने वाला यह समाज सॅंटो (संतों) के सानिध्य से प्रीपूर्ण ( पूर्ण ) सात्विक समाज है ! फीर( फिर ) भी इस समाज मे आबादी का संतुलन गड़बड़ा रा (रहा ) है ! राजपुरोहित दर्पण द्वारा सर्वे के आनुसर समाज मे इस समय 1000 लड़के ओर 640 ही लड़कियो का अनुपताई (अनुपात ) ! दिन प्रतिदिन इस असन्तुलन की खाई बढ़ती ही जा र्ही ( जा रही ) है आद्रषह समजकी पाहशं समाज मे लड़के-लड़की का अनुपात ब्राबार (बराबर ) होना चाहिए ! परन्तु यह समाज खा जा रा (कहा जा रहा ) है ? समय रहते कन्यभूर्न हत्या न्ही (कन्या भूर्ण हत्या नहीं रोकी गई) गया तो भयनकर विक्र्तिया (भयानक विकृतिया ) पनपने से कोई न्ही ( नहीं ) रोक सकता ! इस का कुरूप पहलू इतना भयावह होगा की कल्पना मात्र से रोंगटे खड़े हो जाएँगे
प्रिय ,
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