14 जनवरी का दिन
उत्तर भारत में मकर संक्रान्ति के नाम से मनाया जाता है जिसका महत्व सूर्य के मकर
रेखा की तरफ़ प्रस्थान करने को लेकर है । इसे गुजरात तथा महाराष्ट्र में उत्तरायन
कहते हैं, जबकि यही दिन आन्ध्र
प्रदेश, केरल तथा कर्नाटक (ये
तीनों राज्य तमिल नाडु से जुड़े हैं) में क्रान्ति के नाम से मनाया जाता है ।
पंजाब में इसे लोहड़ी के नाम से मनाया जाता है ।
दक्षिण भारत के
तमिलनाडु राज्य में पोंगल का त्यौहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का स्वागत कुछ
अलग ही अंदाज में किया जाता है । सूर्य को अन्न धन का दाता मान कर चार दिनों तक
उत्सव मानाया जाता है और उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया जाता है। विषयकी गहराई
में जाकर देखें तो यह त्यौहार कृषि एवं फसल से सम्बन्धित देवताओंको समर्पित है ।
इस त्यौहारका नाम
पोंगल इसलिए है क्योंकि इस दिन सूर्य देव को जो प्रसाद अर्पित किया जाता है वह
पोगल कहलता है। तमिल भाषा में पोंगल का एक अन्य अर्थ निकलता हैअच्छी तरह उबालना।
दोनों ही रूप में देखा जाए तो बात निकल कर यह आती है किअच्छी तरह उबाल कर सूर्य
देवता को प्रसाद भोग लगाना।पोंगल का महत्व इसलिए भी है क्योकि यह तमिल महीने की
पहली तारीख को आरम्भ होता है।
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