पुरोहित को सेवानिवृत्ति पर दी विदाई
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी श्रीवल्लभ पुरोहित मंगलवार को चालीस वर्ष की राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त हुए। इस अवसर पर समारोह के साथ पुरोहित को विदाई दी गई। शिक्षा विभाग में आयोजित विदाई समारोह के मुख्य अतिथि सहायक कोष अधिकारी देवकृष्ण पंवार तथा अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी देवकृष्ण पंवार ने की।
समारोह के विशिष्ठ अतिथि अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी केपीसिंह एवं एडीपीसी रमसा दलपतसिंह थे। समारोह को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी पंवार ने पुरोहित के कार्यकाल के बारे में बताते हुए कहा कि पुरोहित ने अपने कार्यकाल में नई मिसाल कायम की है। इन्होंने अपनी राजकीय सेवा में एक बार भी मेडिकल अवकाश नहीं लिया। साथ ही हर काम को तय समय में पूर्ण करते हुए ईमानदारी की मिसाल कायम की है।
उन्होंने पुरोहित को विभाग द्वारा अभिनंदन पत्र भी भेंट किया। साथ ही उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी दी। केपीसिंह ने पुरोहित के साथ बिताए अपने समय के बारे में बताते हुए कहा कि पुरोहित ने शिक्षक से लेकर शिक्षा अधिकारी तक के दायित्वों का निर्वहन बड़ी ही जिम्मेदारी से किया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे। समारोह के पश्चात ढोल नगाड़ों के साथ पुरोहित को उनके निवास पहुंचाया गया।
http://www.bhaskar.com/
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी श्रीवल्लभ पुरोहित मंगलवार को चालीस वर्ष की राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त हुए। इस अवसर पर समारोह के साथ पुरोहित को विदाई दी गई। शिक्षा विभाग में आयोजित विदाई समारोह के मुख्य अतिथि सहायक कोष अधिकारी देवकृष्ण पंवार तथा अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी देवकृष्ण पंवार ने की।
समारोह के विशिष्ठ अतिथि अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी केपीसिंह एवं एडीपीसी रमसा दलपतसिंह थे। समारोह को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी पंवार ने पुरोहित के कार्यकाल के बारे में बताते हुए कहा कि पुरोहित ने अपने कार्यकाल में नई मिसाल कायम की है। इन्होंने अपनी राजकीय सेवा में एक बार भी मेडिकल अवकाश नहीं लिया। साथ ही हर काम को तय समय में पूर्ण करते हुए ईमानदारी की मिसाल कायम की है।
उन्होंने पुरोहित को विभाग द्वारा अभिनंदन पत्र भी भेंट किया। साथ ही उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी दी। केपीसिंह ने पुरोहित के साथ बिताए अपने समय के बारे में बताते हुए कहा कि पुरोहित ने शिक्षक से लेकर शिक्षा अधिकारी तक के दायित्वों का निर्वहन बड़ी ही जिम्मेदारी से किया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे। समारोह के पश्चात ढोल नगाड़ों के साथ पुरोहित को उनके निवास पहुंचाया गया।
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