What is happiness | सुख क्या है

सुख क्या है? सुख तो राजा से लेकर रंक तक, योगी से लेके भोगी तक सब अनुभव करते है ! यह सुख क्या है?सुख की व्याख्या मनुष्य मनुष्यो के लिए भिन्न होती है, जैसे किसी को अन्य लोगों की हत्या करने मे आनंद आता है , तो किसी को ज्ञान बाटने और सेवा, त्याग करनेमें संतोष प्राप्त होता है |अतः भगवान श्रीकृष्ण कहते है , 'हे अर्जुन, सेवा और त्याग से प्राप्त सुख एवं ज्ञानसे प्राप्त संतोष परमानंद की ओर लेकर जाता है और दुसरो के दुःखमें , दुसरो की हानी कर, दुसरो की वस्तू छीनकर प्राप्त होने वाला सुख तामस होता है, मोह से पैदा होने वाला सुख, सदा आलस मे रह कर्मो को त्याग कर प्राप्त सुख केवल भ्रम होता है संतोष नही | ऐसे भ्रम को सुख माननेवाला मनुष्य हमेशा मृगजल की अभिलाषा मे दौड रहे मृग के भाति अतृप्त और असंतुष्ट ही रहता है

What is happiness? Pleasure from the King rank, Yogi guides from the frat experience all up! It's what is happiness? explain happiness man reported similar fluctuations varies, such as killing other people to enjoy a batne and service knowledge, sacrifice is so God Sri Krishna cameroonian receive satisfaction, ' o Arjuna, the service received and discarded the pleasures & gyanse Get satisfaction is taking toward ecstasy and loss of, duahkhamen of, dusro dusro dusro Ki has set up at is pleasure when tamas, sloth, perpetual happiness from their habits remain in karmo would only receive pleasure abandoned confusion not satisfaction | Such confusion turns to pleasure are always mrigjal mannevala man's unquenchable bhati of antelope and daud in dissident remains the same

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